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भारतीय विद्युत अधिनियम, 1948

आपराधिक कार्य एवं प्रक्रियाएं

ऊर्जा की चोरी

जो कोई भी किसी भी प्रकार की ऊर्जा को गलत तरीके से चोरी, उपयोग करता या इस्तेमाल करता है तो उसको आईपीसी (1860 के XLV) के तहत अपराध की श्रेणी में माना जाएगा और ऐसे अपराधों में कृत्रिम साधनों की मौजूदगी को प्रथम दृष्टया सबूत के तौर पर लिया जाएगा।

दुर्भावनापूर्ण ऊर्जा की बर्बादी या काम में क्षति के लिए जुर्माना

जो कोई भी दुर्भावनापूर्ण रूप से ऊर्जा की बर्बादी या वितरित या ऊर्जा की आपूर्ती को रोकता, बाधित करता या क्षति पहुंचाता है, या ऐसे किसी काम के लिए प्रयास करता है तो उसे दो साल का कारावास या जुर्माना, जो कि एक हजार रुपए तक या दोनो से दंडित करने का प्रावधान है।

गैर-लाइसेन्सी द्वारा अनाधिकृत रूप से ऊर्जा की आपूर्ती के लिए जुर्माना

जो कोई भी धारा 28 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, अनाधिकृत तरीके से ऊर्जा आपूर्ती जैसे व्यवसाय में सम्मिलित पाया जाता है, उसे जुर्माने का साथ दंडित किया जा सकता है, जो कि तीन हजार रुपए का हो सकता है और ऐसे अपराध को करते रहने पर, दैनिक जुर्माना जो कि तीन सौ रुपए तक बढ़ सकता है, से दंडित किया जाएगा।

गैर-कानून या त्रुटिपूर्ण आपूर्ति या आदेश का गैर-अनुपालन के लिए जुर्माना

जो कोई भी-

  • लाईसेन्सी या ऐसा व्यक्ति जिसे राज्य सरकार द्वारा धारा 28 के तहत, जनता को ऊर्जा आपूर्ति के लिए अनुमति प्राप्त हो, धारा 27 या धारा 51 के तहत या लाइसेन्स द्वारा निर्देशित के अतिरिक्त कार्य करता है या आपूर्ति या अपने अधिकृत क्षेत्र से बाहर काम करता है, तो उसे दंडित करने का प्रावधान भी है।
  • लाईसेन्सी होने पर या राज्य सरकार द्वारा प्राप्त अनुमित वाला व्यक्ति, यदि इस अधिनियम के प्रावधानों या नियमों का उल्लंघन करने पर, या लाईसेन्स या अनुमित का उल्लंघन करने पर, जैसी भी परिस्थिति हो और बिना किसी उचित कारण न होने पर, जिस कारण ऊर्जा की आपूर्ति रोक दी गयी हो या रद्द कर दी गई हो, ऐसे मामलों में दंडित किया जाएगा।
  • धारा 5 या धारा 6 के तहत आदेश के किसी भी प्रावाधान के अनुपालन में गलती या किसी नोटिस या अपील का उल्लंघन करने पर।
  • धारा 22 A के तहत जारी किसी भी प्रकार के निर्देश के अनुपालन में गड़बड़ी के चलते।
  • धारा 22B या धारा 34 की उपधारा (2) के तहत जारी किसी भी प्रकार के निर्देश या आदेश के अनुपालन में गड़बड़ी के चलते।

ऊपर सभी उल्लंघनों के चलते एक हजार रुपए का जुर्माना और अपराध जारी रखने की परिस्थिति में दैनिक जुर्मान जो कि सौ रुपए तक है, से दंडित किया जा सकता है।

अनुधिकृत वितरण या ऊर्जा के उपयोग के लिए जुर्माना

जो कोई भी धारा 30 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, या बिना किसी जानकारी के ऊर्जा का वितरण या उसका इस्तेमाल करता है, तो उसे रुपए पांच सौ के जुर्माने से दंडित किया जाएगा और ऐसे अपराध को जारी रखने पर दैनिक 50 रुपए के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

ऊर्जा के गलत इस्तेमाल के लिए मीटर या लाइसेन्स के साथ छेड़छाड़ के लिए जुर्माना

जो कोई भी-

  • धारा 26, उप-धारा (1) के तहत किसी मीटर को लगाना या किसी अन्य को उप-धारा (7) के तहत किसी मीटर, सूचक या तंत्र को किसी बिजली आपूर्ति-लाईन से जोड़ना, जिसके द्वारा कोई लाईसेन्सी द्वारा ऊर्जा की आपूर्ति की जा रही है या ऐसी ही किसी विद्युत आपूर्ति-लाईन से उल्लिखित को अलग कर देने पर, दंडित करने का प्रावधान है।
  • लाईसेन्सी से जुड़े किसी अन्य कार्य के साथ किसी अन्य कार्य करने की परिस्थिति में।
  • धारा 26, उप-धारा (1) के तहत दुर्भावनापूर्ण रूप से किसी मीटर को क्षति पहुंचाना या धारा 26, उप-धारा (7), के तहत किसी मीटर, सूचक या तंत्र को क्षति पहुंचाना या जानबूझकर या धोखे से ऐसे किसी मीटर के सूचकांक में परिवर्तन कर देना या ऐसे किसी मीटर, सूचक या तंत्र को काम करने से रोकने पर दंडित किया जाएगा।
  • लाईसेन्स की ऊर्जा को गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर।

उल्लिखित किसी भी प्रकार के अपराध पर पांच सौ रुपए का जुर्माना किया जाएगा और ऐसे अपराध को जारी रखने पर, दैनिक जुर्माना लगाया जाएगा जो 50 रुपए तक है, और यदि ऐसे कनेक्शन में किसी प्राकार के कृत्रिम साधन की मौजूदगी प्राप्त होती है तो, जैसा कि खण्ड (क) ऐसे संचार पर, खण्ड (ख) कि ऐसे परिवर्तन या बाधा के संबंध में, खण्ड (ग) ऐसे किसी प्रकार के अनाधिकृत इस्तेमाल के लिए या खण्ड (घ) ऐसे मीटर, सूचक या तंत्र जो उपभोक्ता की देख-रेख या नियंत्रण में है, के संबंध में, चाहे वो उसकी संपत्ति हो या न हो (उसे परिकल्पित किया जाएगा, जब तक यह साबित न हो जाए) यह कनेक्शन, संचार, परिवर्तन, बाधा या अनुचित इस्तेमाल किसी उपभोक्ता द्वारा जानबूझकर ऐसा किया गया हो, उसे दंडित करने का प्रावाधान है।

सार्वजनिक लैंप बुझाने पर जुर्माना

जो कोई भी दुर्भावनापूर्ण रूप से सार्वजनिक लैंप बुझाता है उसे कारावास की सजा से दंडित करने का प्रावधान है, जिसका समय 6 महीनों का हो सकता है, या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है जिसकी राशी तीन सौ रुपए है, या दोनो से दंडित किया जा सकता है।

बिजली चोरी को रोकने के लिए ऑपरेशन:
  • थर्मल और हाईड्रो पावर स्टेशनों पर विद्युत मीटर स्थापित करना ताकि ऊर्जा उत्पादन का पता लगाया जा सके।
  • 33 के.वी. सब स्टेशनों पर ऊर्जा संतुलन के लिए इंकमिंग और आउटगोइंग फीडर पर मीटर सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
  • उपभोक्ताओं को विद्युत मीटर स्थापित किए जाएंगी, 100 हॉर्स पावर से ज्यादा के साथ।
  • कटिया कनेक्शन को नियमित किया जाएगा। वर्ष 2000 से 2001 तक 12000 कनेक्शनों को नियमित किया जाएगा।
  • जब 11 के.वी. का ऊर्जा ऑडिट पूरा हो जाएगा तब उपभोक्ताओं का फीडर लेजराइजेशन शुरु किया जाएगा।
  • विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की अचानक जांच से बिजली संबंधी गैर-कानूनी कार्यों पर रोक लगेगी।